मध्यप्रदेश के नीमच जिले के मोरवन बांध के पास सुविधि रेयांस नामक कंपनी द्वारा कपड़ा फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है। गुरुवार को दोपहर करीब 2 बजे भारी संख्या में महिलाएं व युवक निर्माणाधीन फैक्ट्री के परिसर में जा घुसे और जेसीबी सहित अन्य वाहनों पर पत्थर फेंके। तीन कर्मचारियों को भी भीड़ ने बुरी तरह से पीटा। स्थिति यहां तक निर्मित हो गई कि ग्रामीणों ने कर्मचारियों को दौड़ा—दौड़ा कर पीटा। फैक्ट्री परिसर में कुछेक पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन आसपास के ग्रामीणों की संख्या ज्यादा होने के कारण पुलिस के कर्मचारी भी कुछ नहीं कर सके। सिर्फ मोबाइल से वीडियो बनाते रहे।
करीब एक घंटे तक फैक्ट्री परिसर में कोहराम मचा। इस उग्र आंदोलन में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को खदेड़ा। फैक्ट्री के आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले पूरणमल अहीर को गिरफ्तार कर लिया है। कपड़ा फैक्ट्री को लेकर बीते एक माह से मोरवन सहित आसपास के ग्रामीण विरोध कर रहे थे, आज इस विरोध ने उग्र रूप ले लिया। पुलिस मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
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नीमच जिले के मोरवन बांध से सटे हुए करीब एक दर्जन गांवों द्वारा बीते एक महीने से कपड़ा फैक्ट्री लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है। 3 नवंबर 2025 को ग्रामीणों ने फैक्ट्री के विरोध में ट्रेक्टर रैली निकालकर कलेक्टर आफिस में प्रदर्शन किया था, वहीं मोरवन बांध के समीप ही धरना जारी रखा। गुरुवार को पहले तो सुबह महिलाएं ने गांव से पैदल मार्च करते हुए धरना स्थल तक महिलाएं पहुंचीं। मोरवन जलाशय के पास ही कपड़ा फैक्ट्री का निर्माण चल रहा था, सैकड़ों महिलाएं और पुरुष दोपहर को फैक्ट्री में प्रवेश करना शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, किन्तु आक्रोशित महिलाओं व अन्य ग्रामीणों की संख्या अधिक थी। तीन जेसीबी, एक कार में तोड़फोड़ की। भीड़ को देखते हुए काम कर रहे कर्मचारियों व मजूदरों ने भागने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया और मारपीट की गई। तीन कर्मचारी घायल हुए हैं।
एसडीएम प्रीति संघवी मौके पर पहुंची
सूचना मिलते ही जावद एसडीएम प्रीति संघवी मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि हमें सूचना मिली है, महिलाओं ने आकर प्रदर्शन किया और पत्थरबाजी की है। तीन जेसीबी के कांच फूटे हैं और एक कांच में भी तोड़फोड़ की गई है। बुधवार को शांतिप्रिय ढंग से धरना हुआ था, इसलिए किसी को अंदाजा नहीं था कि उग्र आंदोलन हो जाएगा। चार-पांच आरक्षक ड्यूटी पर थे, लेकिन महिलाओं की संख्या अधिक थी। अचानक पता चला कि भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। वीडियो के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।