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Ujjain Mahakal: The main royal procession of Lord Mahakaleshwar will be taken out on August 18
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Ujjain Mahakal: कल निकलेगी महाकालेश्वर की प्रमुख राजसी सवारी, इन स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sun, 17 Aug 2025 04:40 PM IST
श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली प्रमुख राजसी सवारी सोमवार 18 अगस्त 2025 को सायं 4 बजे निकाली जाएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि भाद्रपद माह की दूसरी और सवारी के क्रम में छटी और अंतिम सवारी 18 अगस्त 2025 को प्रमुख राजसी सवारी के रूप में निकलेगी। इस दौरान बाबा महाकजल रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री सप्तधान का मुखारविंद मे दर्शन देंगे।
भगवान श्री महाकालेश्वर की राजसी सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी। श्री चन्द्रमोलेश्वर की पालकी अपने निर्धारित समय सायं 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुचेगी। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर एवं गजराज पर आरूढ़ श्री मनमहेश के मां शिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन और आरती के बाद प्रमुख राजसी सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का श्री जगदीश मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा से तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, श्री गोपाल मंदिर पर पहुचेगी। जहां सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर का पूजन किया जाएगा। उसके बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुंचेगी और सभामंडप में सवारी का विश्राम होगा।
यह रहेगा राजसी सवारी का स्वरूप
श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट/गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी। 70 भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत और गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेंगे। उनके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान (श्री चंद्रमोलेश्वर) की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, रथ पर श्री गरुड़ पर विराजित श्री शिव-तांडव जी, रमेश बैंड, नंदी रथ पर उमा महेश स्वरूप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के.बैंड, रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्चात राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड, वश्री मनमहेश स्वरूप हाथी पर विराजित होंगे।
चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालु करेंगे दर्शन
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया जाएगा। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनों का लाभ सकेंगे। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को देख सकेंगे और भगवान के दर्शनों का लाभ ले सकेंगे।
राजसी सवारी में जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेंगे
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरूप देने के लिए 4 जनजातीय कलाकारों के दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी में सहभागिता करेगा। जिसमें लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में शृंगारी लोक नृत्य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्डा लोक नृत्य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्य की प्रस्तुतियां सम्मिलित हैं। यह सभी दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेंगे।
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