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Vidisha: ठेकेदार ने बीच में छोड़ा पीएम आवास के मकानों का कार्य, 8 साल बाद भी अधूरा रह गया हितग्राहियों का सपना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, विदिशा Published by: विदिशा ब्यूरो Updated Mon, 24 Feb 2025 03:55 PM IST
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विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब के सर पर छत का सपना दिखाने वाली इस योजना के तहत 864 घर बनने थे, लेकिन 8 साल बाद भी यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है। वर्ष 2016 में शुरू हुए इसके निर्माण कार्य में अब तक 72 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, फिर भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिलीं।
दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विदिशा नगर पालिका ने वर्ष 2016 में 864 मकानों का निर्माण कार्य शुरू किया था। इनमें से 648 मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए और 216 मकान निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए बनने थे। सरकार ने दावा किया था कि, यह प्रोजेक्ट 2018 तक पूरा हो जाएगा, लेकिन आज वर्ष 2025 में भी यह अधूरा पड़ा है।
जिन 84 परिवारों को मकान मिले हैं, वे भी सुविधाओं के अभाव में नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं की हालत इतनी खराब है कि कई परिवार तो अपने नए घरों को छोड़कर किराए पर रहने को मजबूर हो गए हैं। रहवासियों के मुताबिक उन्हें मकान तो दे दिया, लेकिन यहां न बिजली है, न पानी, न सड़क है। सरकार ने पांच साल पहले आश्वासन दिया था कि सब ठीक होगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। मजबूरी में हमें खुद इंतजाम करना पड़ रहा है।
दरअसल इस प्रोजेक्ट में देरी के पीछे का कारण ठेकेदार का काम बीच में छोड़ देना बताया जा रहा है। नगर पालिका का कहना है कि टेंडर दोबारा जारी किया गया है, लेकिन काम की गति बेहद धीमी है। नगर पालिका अध्यक्ष के पति राकेश शर्मा इस बारे में कहते है कि हमारी परिषद वर्ष 2022 में बनी, तब पता चला कि ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया था। उसका टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया गया है और जल्दी ही काम पूरा कराया जाएगा।
वहीं इस मामले में कलेक्टर रोशन सिंह का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही से यह प्रोजेक्ट रुका रहा, लेकिन प्रशासन इसे जल्द पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जो भी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें जल्द ही रहवासियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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