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VIDEO : चोरी का सामान खरीदने वाला कबाड़ी नूरी बाबा ऐसे बन गया नकली नोटों का सौदागर
यूपी के श्रावस्ती में राप्ती नदी की कछार में बसे लक्ष्मनपुर गंगापुर से निकला युवक पहले कबाड़ी फिर मौलाना बाद में मदरसा संचालक बन गया। इस दौरान जहां उसने खूब दौलत व सोहरत कमाया। वहीं खुद को अपने धंधे को भी दागदार करने में पीछे नहीं रहा। इतना ही नहीं दीनी तालीम की आड़ में न सिर्फ अय्याशी किया। बल्कि पकड़े जाने पर निकाह कर दाग धोने का प्रयास भी किया।
मल्हीपुर थाना क्षेत्र का लक्ष्मनपुर गंगापुर गांव व गांव में मौजूद आवासीय मदरसा दारुल उलूम फैजुर्रनबी आज देश व प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे सुर्खियों में लाने वाला असगर अली का तीसरा बेटा मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
जानकारों की मानें तो नूरी बाबा ने पिता की मौत के बाद जीविकोपार्जन के लिए पहले गांव गांव जाकर कबाड़ खरीदने का काम किया। बाद में उसने मल्हीपुर के वीरगंज बाजार में कबाड़ की दुकान खोला। जहां चोरी से बिजली के लोहे का पोल काट कर लाते समय पकड़ा गया। इसके बाद कबाड़ के कारोबार से इसका मोह भंग हो गया।
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