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VIDEO: महमूदाबाद और ईरान का है गहरा नाता, राजा साहब की कब्र देखने जाते हैं लोग
मध्य-पूर्व में इस वक्त हालात गरम हैं। ईरान-इजराइल संघर्ष ने रॉकेट और ड्रोन हमलों को खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया है। जिसे दुनिया सांस रोके देख रही है लेकिन ठीक यहां उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में खड़ा यह किला महमूदाबाद हमें उसी ईरान से जोड़े एक भूला-बिसरा रिश्ता याद दिलाता है।
किले का इतिहास 14वीं शताब्दी में शुरू होता है। 20 एकड़ के इस परिसर की कोठी अवध नक्काशी का बेजोड़ नमूना है। 1936 में इसी रियासत के वारिस बने मोहम्मद आमिर अहमद खान जिन्हें हम ‘राजा महमूदाबाद’ के नाम से जानते हैं। वह मुस्लिम लीग की राजनीति में सक्रिय रहे और आजादी के बाद पाकिस्तान फिर लंदन होते हुए आखिरकार ईरान पहुंचे।
14 अक्तूबर 1973 को उनके देहान्त के बाद उन्हें ईरान के पवित्र शहर मशहद में इमाम रजा की दरगाह के निकट दफन किया गया यानी यह किला एक तरह से भारत को सीधे ईरान की आध्यात्मिक धरती से जोड़ता है। 1991 में उनकी पत्नी के निधन के बाद उन्हें भी मशहद में ही दफन किया गया। आज भी महमूदाबाद से प्रतिवर्ष दर्जनों लोग ईरान के इस शहर में जाकर उस कब्र का दीदार करते हैं।
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