{"_id":"69249567d149ee57210df9f0","slug":"what-has-changed-a-year-after-the-sambhal-violence-2025-11-24","type":"video","status":"publish","title_hn":"Sambhal हिंसा के एक साल बाद क्या-क्या बदला? जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sambhal हिंसा के एक साल बाद क्या-क्या बदला? जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा
Video Desk, Amar Ujala Published by: प्रभाकर तिवारी Updated Mon, 24 Nov 2025 10:57 PM IST
Link Copied
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल को एक वर्ष पूरा हो गया है। इस एक वर्ष के पूरा होने पर कोई जश्न या शोक सार्वजनिक न मनाए इसको लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क है। जामा मस्जिद के आसपास ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई।
संभल के DM राजेंद्र पेंसिया का कहना है कि, "यह हमारे रेगुलर एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेस का हिस्सा है, जिसमें पूरी पुलिस और एडमिनिस्ट्रेटिव टीम शामिल होती है जो रेगुलर तौर पर फ्लैग मार्च करती है। वे ऐसा सुबह और शाम को करते हैं। ये मार्च लोकल लेवल पर भी होते हैं, जिसमें डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर भी हिस्सा लेते हैं। इससे लोगों में पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन के प्रति सुरक्षा और भरोसा पैदा होता है। पीस कमेटी की मीटिंग रेगुलर होती थीं। सभी कम्युनिटी के लोग आते थे। सबकी प्रॉब्लम सुनी जाती थीं और उन्हें सॉल्व किया जाता था। जब सब एक साथ बैठकर उन पर चर्चा करते हैं, तो झगड़े या प्रॉब्लम की कोई गुंजाइश नहीं रहती।"
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।