मध्यप्रदेश में इस बार सर्दी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड का असर देखने को मिल रहा है। इंदौर की रातें बीते दस वर्षों में सबसे ठंडी दर्ज की गई हैं और न्यूनतम तापमान प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी के बराबर पहुंच गया है। राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में रात का पारा 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। पहाड़ी इलाकों से आ रही बर्फीली हवाओं और सक्रिय जेट स्ट्रीम के चलते पूरे प्रदेश में शीतलहर जैसे हालात बने हुए हैं।
प्रदेश में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। कई शहरों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया है। इस बार सर्दी का असर सामान्य से कहीं ज्यादा तेज है। इंदौर में बीते दस वर्षों की सबसे ठंडी रातें रिकॉर्ड की जा रही हैं, वहीं भोपाल में भी लगातार तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। भोपाल, राजगढ़, इंदौर, सीहोर और शाजापुर में दिनभर सर्द हवाएं चलती रहीं, जिससे लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। धूप निकलने के बावजूद शाम होते ही ठंड और तेज हो गई। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल अगले तीन दिनों तक शीतलहर का कोई अलर्ट नहीं है, लेकिन ठंड का असर बरकरार रहेगा।
प्रदेश के कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया। इंदौर और पचमढ़ी दोनों में तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा। भोपाल में 6.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.1 डिग्री, उज्जैन में 9 डिग्री और जबलपुर में 8.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसके अलावा राजगढ़ में 5.2, नौगांव में 6.4, उमरिया में 6.6, रीवा में 7, मलाजखंड में 7.2, मंडला में 7.6, रायसेन, शिवपुरी और नरसिंहपुर में 8, बैतूल में 8.5, छिंदवाड़ा और खजुराहो में 9, सतना में 9.1, टीकमगढ़ और रतलाम में 9.5, दमोह में 9.8 और दतिया में 9.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हो रही बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों तक पहुंच रहा है। उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में नदी-नाले और झरने तक जम गए हैं। इसके साथ ही उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय जेट स्ट्रीम भी ठंड बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है। यह जेट स्ट्रीम जमीन से करीब 12 से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से बह रही है, जिसका असर मध्यप्रदेश में साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाएं, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों की ठंडी हवा और जेट स्ट्रीम के संयुक्त प्रभाव से इस बार ठंड का असर दोगुना हो गया है। यही कारण है कि दिसंबर में भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। भोपाल में नवंबर की ठंड ने 84 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जबकि इंदौर में 25 वर्षों में सबसे ज्यादा सर्दी दर्ज की गई है। दिसंबर में भी इंदौर की ठंड ने बीते दस वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।