मध्यप्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगभग 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ कर्मियों की हड़ताल चौथे दिन यानी शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन उनकी इस हड़ताल के दौरान नेशनल हेल्थ मिशन ने भोपाल में हड़ताल पर बैठे हुए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारियों के नाम एक पत्र जारी किया। इस पत्र में उन्हें दिशा निर्देश भी दिए गए।
ऐसे में राजगढ़ में जिला अस्पताल के सामने स्थित राजयोग महादेव मंदिर में अपना टेंट और तंबू डालकर हड़ताल पर डटे हुए संविदा स्वास्थ कर्मियों का गुस्सा शासन प्रशासन पर फूट पड़ा और उन्होंने सरकारी आदेश की होली जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के दबाव में आकर हम हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।
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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी जिलाध्यक्ष अकांक्षा दुबे ने बताया कि हम अपनी उचित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा समस्त संविदा कर्मचारियों की महापंचायत में जो घोषणाएं की थी, उन्हें ही लागू कर दो। यही नहीं संविदा कर्मचारियों के लिए जो नीति बनी थी, उसके विपरीत जाकर एनएचएम भोपाल ने हम कर्मचारियों को पुनः अप्रेजल जैसी शोषण की नीति की ओर मोड़ दिया है।
वहीं कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा जैसी कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। पूर्व में मिलने वाली छुट्टियों में भी कटौती कर दी गई है। इस प्रकार से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। इसी से तंग आकर हमें हड़ताल की ओर जाना पड़ा। शुक्रवार को जारी हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई के पत्र का हम सभी विरोध करते हैं और इस प्रकार दबाव में आकर बिल्कुल भी हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे।