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VIDEO : स्याही नदी की खुदाई पर करोड़ों रुपए खर्च, नतीजा शून्य- पानी किल्लत अभी भी
तहसील क्षेत्र के स्याही नदी की खुदाई पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी नतीजा शून्य है। नदी सूखी हुई है। स्याही नदी का किसी बड़ी नदी से जुड़ाव न होने के चलते इसमें हमेशा पानी की किल्लत बनी रहती है। इसे लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं है।
स्याही नदी कुशीनगर से निकलकर बिहार के गोपालगंज जिला से होते हुए भाटपार रानी तहसील क्षेत्र में प्रवेश करती है। यह नदी राजपुर, करजानिया, चकिया कोठी, पड़री बाजार, सिकटिया, रतसिया कोठी सहित लगभग तीन दर्जन गांवों को पार करते हुए पुनः बिहार के सिवान जिले के मैरवा स्थित झरही नदी में विलीन हो जाती है। यहां से झरही नदी आगे बढ़ते हुए दरौली स्थित सरजू नदी में विलीन हो जाती है। वहीं इस नदी का किसी बड़े नदी से जुड़ाव न होने के चलते हमेशा इसमें पानी की किल्लत बनी रहती है।
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