{"_id":"68ff8235ab06db7b330155bc","slug":"video-glass-and-bamboo-swings-swings-like-a-swing-chhath-maiyas-songs-echo-in-the-streets-neighborhoods-and-markets-2025-10-27","type":"video","status":"publish","title_hn":"कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, गली-मोहल्लों और बाजारों में गूंज रहे छठ मैया के गीत","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, गली-मोहल्लों और बाजारों में गूंज रहे छठ मैया के गीत
छठ महापर्व पर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना के लिए पूरे शहर में आस्था और उमंग का माहौल दिखा। सुबह से ही घरों में तैयारियां होती रहीं। रसोई से आती गुड़ और चावल की महक, आंगन में रखे सुप-दौरे ने छठ महापर्व को और उत्साहित बना दिया। साथ ही मोहल्लों और इलाकों में सुबह से ही छठ के गीत गूंजने लगे। गली मोहल्लो और घरों में छठ मैया के गीत गूज रहे हैं।अवंतिका काॅलोनी निवासी प्रीति सिंह ने कहा कि मुझे व्रत रखते हुए चार साल हो गए हैं। पहले मेरी सास यह व्रत रखती थीं लेकिन उनकी तबीयत खराब रहने से चार साल पहले उन्होंने यह व्रत मुझे सौंप दिया। जब पहली बार व्रत रखना था तो लग रहा था कि कितना मुश्किल होगा लेकिन 36 घंटों का व्रत कब पूरा हो जाता है यह पता भी नहीं लगता।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।