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VIDEO: मर्च्युरी में शव रखने से स्वास्थ्यकर्मियों ने इन्कार, जमकर हुआ हंगामा, संवेदनहीनता की हद...अधिकारी बेपरवाह
रायबरेली जिला अस्पताल में बुधवार की रात संवेदनहीनता की हद पार हो गई। हादसे के बाद लाए गए शव को मर्च्युरी में रखने से इंकार कर दिया गया। रोते-बिलखते परिजनों के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं पसीजे। इससे परिजनों का गुस्सा भड़क गया। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा किया। देर रात कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को शांत कराते हुए मर्च्युरी में शव को रखवाया।
गत बुधवार की शाम भदोखर थाना क्षेत्र के मुंशीगंज के रेलवे गेट नंबर 23 के पास ट्रेन के चपेट में आने के बाद केसरी का पुरवा मजरे झकरासी निवासी बृजेश (40) की मौत हो गई। भदोखर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर उसे सील कर दिया। देर रात परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे, लेकिन वहां शव रखने से इन्कार कर दिया गया। कारण बताया गया कि पोस्टमार्टम हाउस का डीप फ्रीजर खराब है।
परिजन शव को मार्च्यरी में रखने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन वह नहीं पसीजे। पीड़ितों ने सीएमएस को फोन किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद अस्पताल की अव्यवस्थाओं से गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामले की सूचना पर कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह पुलिस टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और परिजनों को समझाया। इसके बाद उन्होंने शव को जिला अस्पताल की मर्च्युरी में रखवाया, जिसके बाद परिजनों का गुस्सा शांत हुआ।
सील शव रखने की व्यवस्था नहीं, दबाव बनाया गया: सीएमएस
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पुष्पेंद्र कुमार का कहना है कि अस्पताल की मर्च्युरी में ब्राड डेड या इलाज के दौरान मौत होने के बाद शवों को रखने की व्यवस्था है। पुलिस ने शव को सील कर दिया था। ऐसे शव को पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचाना चाहिए था। यहां आकर कुछ लोगों ने शक्ति प्रदर्शन किया। अंत में शव काे मर्च्युरी में रखवाया गया।
जिला अस्पताल के बारे में सीएमएस जानें: सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीनचंद्रा का कहना है कि जिला अस्पताल में शव पहुंचाया गया था। शव को मर्च्युरी में रखवाने की जिम्मेदारी सीएमएस की है। जिला अस्पताल से उनका कोई लेना देना नहीं है। पोस्टमार्टम हाउस से शव को क्यों वापस किया गया। इसके बाद में जानकारी मांगी गई है।
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