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शामली में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर क्लक्ट्रेट में दिया धरना
डिंपल सिरोही
Updated Tue, 22 Apr 2025 04:45 PM IST
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शामली में सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशनर्स एसोसिएशन एवं शिक्षक महासंघ के बैनर तले मंगलवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशनरी के नियमों में बदलाव के विरोध और अन्य मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। साथ ही, धरना भी दिया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने देश के प्रधानमंत्री के नाम से ज्ञापन जिलाधिकारी के नाम सौंपते हुए सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों से जुड़ी विभिन्न मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।
दिए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि फाइनेंशियल बिल 2025 में पेंशनरी नियमों में बदलाव व अन्य तरीकों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों पर हो रहे आघात से सेवानिवृत्त कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ विरोध है। क्योंकि इस वर्ष के प्रारंभ में आठवें वेतन आयोग की घोषणा से सेवानिवृत्त कर्मचारियों में खुशी का वातावरण बना था, परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों में निराशा भी बढ़ने लगी, क्योंकि अभी तक आठवें वेतन की कार्यवाही नहीं की गई है। वहीं इसी मध्य फाइनेंशियल बिल 2025 एक कानून के रूप में सामने आया है जिसमें पूर्व पेंशनरी नियमों में बदलाव करके पेंशनरों के समूह में भेद पैदा करने का प्रयास किया गया,जिसका सीधा सा मतलब यह है कि 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का पुनरीक्षण नहीं किया जायेगा।
आरोप लगाया कि इसके अलावा अन्य तरीकों से भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।जिसके चलते सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा यह धरना प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों ने मांग की है कि पेंशन की राशिकरण की हो रही कटौती 15 वर्ष से घटाकर दस वर्ष लाई जाए। देश में एनपीएस और यूपीएस की व्यवस्था के स्थान पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों को परिभाषित लाभ योजना ओपीएस ही प्रदान की जाए।फाइनेंनि्शयल बिल 2025 के माध्यम से पेंशनरी नियमों में किए गए बदलाव को तत्काल निरस्त कर सेवानिवृत्त होने की तिथि के आधार पर पेंशनर समूह में भेद पैदा न किया जाए।
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