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VIDEO : सोनभद्र में मानस नवाह्न पाठ, श्रीराम दरबार का हुआ भव्य श्रृंगार, लोग भक्तिरस में डूबे
सोनभद्र नगर के आरटीएस क्लब में चल रहे श्रीरामचरितमानस नवाह्न पाठ में चौथे दिन श्रीराम दरबार का भव्य श्रृंगार किया गया। भगवान के वनवास की झांकी सजाई गई। इसका दर्शन करने भक्तों की भीड़ उमड़ी। मानस की चौपाइयों के बीच भक्तों ने प्रभु की आरती उतारी। मुख्य आचार्य सूर्यलाल मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीराम का वनवास न होता तो विश्व का कल्याण न होता। ऋषि-मुनियों और ब्राह्मणों को सताने वाले राक्षसों का नाश न होता। कहा कि भगवान के वनवास का कारण बनने वाली कैकई और मंथरा को जग दोष देता है, लेकिन श्रीराम के मन में उनके प्रति अगाध प्रेम था। इसे तुलसी दास जी ने रामचरितमानस में भी लिखा है। इससे पहले बृहस्पतिवार की रात प्रवचन में कथा वाचक नीरज ने धनुष यज्ञ की विस्तार से कथा सुनाई। परशुराम संवाद, श्रीराम विवाह और और विदाई के प्रसंग का उन्होंने वर्णन किया। मंच संचालन कर रहे आचार्य संतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि सिंदूर प्रेम का प्रतीक होने से पति के प्राण आयु को संरक्षित रखने की क्षमता होती है।
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