प्रयागराज महाकुंभ मेले में 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान करने गए गुना जिले के खैजरा निवासी प्रेमनारायण कुशवाह घर लौट आए हैं। प्रेमनारायण के बड़े भाई ने एक दिन पहले कैंट थाने में उनकी गुमशुदगी की सूचना दी थी।
बताया जा रहा था कि प्रेमनारायण महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान बिछड़ गए थे और उनका कोई पता नहीं चल पा रहा था। हालांकि, शनिवार को प्रेमनारायण गुना पहुंच गए और अपने परिवार से मिलते ही उनकी आंखों से आंसू छलक उठे। बातचीत में रोते हुए प्रेमनारायण ने बताया कि भगदड़ के दौरान उनका बैग नीचे गिर गया था। उसे उठाने के लिए वे झुके, तभी उनके साथी आगे बढ़ गए। प्रेमनारायण ने एक दिन रेलवे स्टेशन पर बिताया, भीड़ की वजह से कई परेशानियां झेलीं और अंततः झांसी के रास्ते गुना पहुंच गए।
प्रेमनारायण कुशवाह के परिजन उन्हें कैंट थाने लेकर पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों ने उनका हाल-चाल जाना और पूरी जानकारी एकत्रित की। गुना लौटने के बाद प्रेमनारायण कुशवाह जब महाकुंभ में स्नान के दौरान भीड़ की वजह से झेली गई परेशानियों की चर्चा की तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।
प्रेमनारायण ने बताया कि वहां किसी को किसी की चिंता नहीं थी। लोग बस भागे जा रहे थे। यही हाल रेलवे स्टेशन पर भी था, जहां वे 12 घंटे से ज्यादा बैठे रहे। ट्रेनें आती-जाती रहीं, बमुश्किल एक ट्रेन में किसी तरह घुस पाए, जिसे झांसी पहुंचे। हालांकि, उन्हें इस बात की खुशी है कि वे महाकुंभ में स्नान कर सके, लेकिन इस पुण्य को अर्जित करने में उन्होंने जो यातनाएं सही हैं, वे जीवनभर भुलाई नहीं जा सकेंगी।
महाकुंभ से जुड़ी एक और दुखद खबर रुठियाई रेलवे स्टेशन से सामने आई, जहां साबरमती एक्सप्रेस से सफर कर रहे ब्यावरा निवासी यात्री गिरीश वर्मा की दम घुटने से मौत हो गई।