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प्राथमिक विद्यालय बदहाल, ग्रामीणों का फूटा आक्रोश, बोले स्कूल बन गया है जुआरियों का अड्डा, देखें VIDEO
जहां एक ओर सरकार प्राथमिक विद्यालयों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं धनरिया माफी गांव का प्राथमिक विद्यालय बदहाली का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। बाउंड्री वॉल और गेट विहीन यह विद्यालय अब पशुओं के तबेले और जुआरियों के अड्डे में तब्दील हो चुका है। विद्यालय परिसर में खुले सीवर से बहता गंदा नाबदान, अधूरा शौचालय, और सुरक्षा विहीन वातावरण के खिलाफ गुरुवार को गांव के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। ग्राम पंचायत हाटा के अंतर्गत आने वाले इस विद्यालय में आज तक न तो गेट लगा और न ही चारदीवारी पूरी बन पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय की टूटी बाउंड्री के कारण परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। गांव की नालियों का पानी खुले सीवर से विद्यालय परिसर के भीतर बहता है, जिससे हमेशा दुर्गंध फैली रहती है। सीवर की सिल्ट भी परिसर में ही छोड़ दी गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ गए हैं।
विद्यालय में शौचालय निर्माण अधूरा पड़ा है — केवल प्लेट और गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। इससे छोटे बच्चों के गिरकर चोटिल या जान जाने का खतरा बना रहता है। यही नहीं, विद्यालय में पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। पानी की टंकी तक नहीं लगाई गई, जिससे बच्चे और शिक्षक दोनों परेशानी झेल रहे हैं। सरकार की कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में पेयजल, शौचालय, बाउंड्री वॉल, टाइल्स, रंग-रोगन और सफाई जैसी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए योजनाएं बनीं, धन भी आवंटित हुआ, लेकिन इस विद्यालय में सारी योजनाएं कागज़ों तक सीमित नजर आ रही हैं। गुरुवार को विद्यालय परिसर में ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और चेताया कि यदि विद्यालय की दुर्दशा जल्द नहीं सुधारी गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में संजय चौबे, दासु चौबे, संजय पांडेय, निब्बुल चौबे, भरत चौबे, कमलेश चौबे, अनीश, रिंकू सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे।
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