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VIDEO : गोंडा: गोपीनाथ के दिन बहुरे, 17 साल बाद मिला भूमि पर कब्जा, वरीयता के आधार पर निपटाया मामला
गोंडा। तरबगंज के गोपीनाथ को अब तहसील और थाने का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। पिछले 17 साल से अपनी जमीन पाने के लिए दौड़ रहे गोपीनाथ के पैर में बिवाइयां लचर व्यवस्था की गवाह बन बैठीं। देर से ही सही, लेकिन गोपीनाथ के दिन बहुर गये हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के एक निर्देश पर उन्हें न्याय ही नहीं मिला, बल्कि पट्टे की जमीन भी मिल गई। इस भूमि पर विगत 17 साल से अवैध रूप से दूसरे गांव के लोगों का कब्जा बना रहा।
तरबगंज थाना क्षेत्र के जुझारीपुर ग्राम पंचायत के मजरे कौकोटवा गांव में साल 2007 में 13 बिस्वा कृषि योग्य भूमि के पट्टे का आवंटन हुआ था। तबसे आज तक कब्जा नहीं मिल पाया था। 17 वर्षों से एक भूमि विवाद में दो पक्षों में तनातनी थी। विवाद लंबा खिंचने के साथ आपसी दुश्मनी भी बढ़ रही थी। शनिवार को थाना समाधान दिवस में मामला पहुंचा। इससे पहले भी जिलाधिकारी नेहा शर्मा से इस मामले में शिकायत की गई थी। डीएम के निर्देश पर तहसीलदार रंजन कुमार वर्मा ने राजस्व टीम बनाकर मामले को वरीयता के आधार पर निपटाया।
टीम जुझारीपुर के कौकोटवा गांव पहुंची। गांव के गोपीनाथ के शिकायत की पड़ताल की। पता चला कि गोपीनाथ के नाम से 13 बिस्वा जमीन वर्ष 2007 से दूसरे गांव के लोगों के कब्जा कर लिया। जिससे विवाद शुरू हुआ जो अभी तक चल रहा है। रविवार को लेखपाल राजकुमार पांडेय ने अभिलेखों की पड़ताल की। विवाद की स्थिति को परखा। राजस्व टीम ने पैमाइश की और गोपीनाथ की जमीन चिन्हित कर कब्जा दिला दिया।
ग्राम प्रधान रामदयाल तिवारी ने पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। इस दौरान किसी तरह का विवाद नहीं हुआ। प्रधान ने कहा कि जिसकी जमीन है, उसे देने में किसी तरह की आनाकानी नहीं करने दी गई। इससे सभी पक्ष सहमत भी हो गये और बहुत पुराना मामला हल हो गया। तहसीलदार रंजन वर्मा ने बताया की इस तरह के भूमि विवाद को अभियान चलाकर निस्तारण कराने का प्रयास किया जा रहा है।
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