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UP Politics: टिकट की दौड़ में सक्रिय हुए आजमवादी, Akhilesh-Azam की मुलाकात से बढ़ी उम्मीदें
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Sat, 11 Oct 2025 11:53 AM IST
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सपा के कद्दावर नेता आजम खां की जेल से रिहाई और रामपुर में अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद पश्चिमी यूपी की सियासत में हलचल तेज हो गई है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले आजम खां के करीबी नेता दोबारा सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार टिकट बंटवारे में आजम खां की राय को खास महत्व मिलेगा। रामपुर, मुरादाबाद और आस-पास के इलाकों में आजम का राजनीतिक प्रभाव हमेशा से निर्णायक रहा है। अब जेल से बाहर आने और अखिलेश से रिश्ते सुधरने के बाद उनके करीबी फिर से अपने पुराने इलाकों में सक्रिय हो गए हैं। इनमें सांसद रुचिवीरा और उनके गुट से जुड़े कई नेता शामिल हैं।
मुरादाबाद की कांठ सीट पर आजम के करीबी यूसुफ मलिक की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। वह 2017 में भी टिकट मांग चुके थे। वर्तमान विधायक कमाल अख्तर मुलायम सिंह के दौर से सैफई परिवार के नजदीकी हैं। चर्चा है कि अगर आजम की चली तो कमाल अख्तर अपनी पुरानी हसनपुर सीट पर लौट सकते हैं। बिलारी के सपा विधायक मोहम्मद फहीम हाल ही में आजम से मिल चुके हैं। वहीं राजेश यादव समेत कुछ पुराने सपाई भी इस सीट से टिकट की दौड़ में हैं। आजम खेमे से डॉ. महमूद सैफी (नगर/ठाकुरद्वारा) और शाने अली शानू (देहात) भी दावेदार हैं। दोनों सपा सांसद रुचिवीरा के करीबी माने जाते हैं।
देहात सीट से विधायक नासिर कुरैशी और पूर्व विधायक उस्मानुल हक के परिवार की दावेदारी भी बनी हुई है। ठाकुरद्वारा से नवाब जान दोबारा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। नगर सीट से पूर्व विधायक यूसुफ अंसारी, जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव और पूर्व जिलाध्यक्ष अतहर अंसारी भी टिकट के दावेदार हैं। वहीं सांसद रुचिवीरा की बेटी स्वाति वीरा भी सियासी पारी शुरू कर सकती हैं। चर्चा है कि वह या तो नगर सीट से या फिर बिजनौर की बढ़ापुर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं, जहां सांसद का प्रभाव अधिक है
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