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VIDEO: श्रावस्ती: भरथापुर की तरह तराई भी कभी भी बन सकता है बड़े नाव हादसे का गवाह
जितेंद्र दीक्षित/पवन सेठ, श्रावस्ती। बहराइच के भरथापुर में हुए दर्दनाक नाव हादसे की गवाह तराई भी कभी भी बन सकती है। तराई के जमुनहा विकासखंड में भारत-नेपाल सीमा स्थित ककरदरी गांव के 4000 से अधिक लोग भी आवागमन के लिए नाव का प्रयोग करते हैं। यही नहीं सीमा से सटे नेपाल के भी एक दर्जन से अधिक गांवों के 30 हजार से अधिक लोग भी नाव के सहारे खरीदारी के लिए जमुनहा बजार पहुंचते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार राप्ती पर पुल बनाने की मांग की गई है, लेकिन जिम्मेदार ग्रामीण समस्या पर अंजान बने हुए हैं।
जमुनहा विकासखंड का ककरदरी गांव भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। ककरदरी के एक ओर जहां नेपाल है तो वहीं दूसरी ओर राप्ती नदी है। वहीं, ककरदरी गांव जंगल से भी घिरा है। ककरदरी गांव के 4000 से अधिक ग्रामीण व सीमा से सटे नेपाल के भगवानपुर, मटेहिया, सरबराजपुरवा, पांडेयपुरवा, हुलासपुरवा, जमुनहा गांव, नरैनापुर, सोनबरसा, पिपरहवा, जमुनी, गंगापुर आदि गांवों के 30 हजार से अधिक लोग जमुनहा बजार जाने के लिए ककरदरी घाट पहुंचते हैं। सभी नाव के सहारे राप्ती नदी पार कर तीन किलोमीटर की दूरी तय कर जमुनहा बजार पहुंचते हैं और खरीदारी के बाद वापस फिर नाव के सहारे अपने गांवों को लौटते हैं। ऐसे में किसी भी समय तराई में भी बहराइच के भरथापुर गांव जैसा दर्दनाक नाव हादसा हो सकता है।
नाव से सफर करने पर कम हो जाती है 11 किमी की दूरी
ककरदरी समेत नेपाली गांव के ग्रामीण समय व दूरी बचाने के लिए नाव का प्रयोग करते हैं। ककरदरी गांव निवासी जगतराम, राम सुरेश, कलेश कुमार, रामचंदरर, राम लाल, मोहित गुप्ता आदि ने बताया कि नाव से नदी पार करने के बाद मात्र तीन किमी दूरी पर जमुनहा बजार पड़ती है। वहीं, सड़क मार्ग के रास्ते जमुनहा बजार जाने के लिए चार किमी लंबा ककरदरी जंगल पार करना पड़ता है। जंगल पार करने के बाद राप्ती बैराज के पास से कानीबोझी-भिनगा मार्ग होते हुए 10 किलोमीटर की दूरी तय कर हम लोग जमुनहा बजार पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की प्रमुख बजार जमुनहा है, ऐसे में प्रतिदिन 2000 से 3000 लोग नदी पार कर जमुनहा जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बाइक व साइकिल भी नाव व लाद लेते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों तक से पुल बनवाने की मांग की गई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।
पहाड़ों पर बारिश के बाद अचानक बढ़ता है राप्ती का जलस्तर
बहराइच के भरथापुर में नाव हादसे का मुख्य कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से नाव के अनियंत्रित होने को बताया जा रहा है। भरथापुर में हुए हादसे में एक महिला का शव मिल चुका है और आठ लोग अब भी लापता हैं। कुछ ऐसा ही हाल राप्ती नदी का भी है। राप्ती नदी भी ककरदरी गांव के पास नेपाल से आती हैं। वहीं, नेपाल के पहाड़ों पर बारिश होने या बैराज से पानी छोड़े जाने पर यहां भी अचानक राप्ती का जलस्तर बढ़ जाता है।
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