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VIDEO : काशी में मसाने की होली खेलने वालों का पिंडदान, आत्म शुद्धि के लिए पूजन
काशी के आदितीर्थ मणिकर्णिका पर मसाने की होली खेलने वालों की शुद्धि और मृत आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान शुक्रवार को किया गया। काशी तीर्थ पुरोहित, काशी विद्वत परिषद, काशी विद्वत कर्मकांड परिषद, विद्वत समाज और सनातन रक्षक दल के लोगों ने यह आयोजन किया। पिंडदान के सभी अनुष्ठान मणिकर्णिका तीर्थ पर पूरे किए गए। कूर्मपुराण के अनुसार, लोभ या मनोरंजन के लिए बिना वजह श्मशान जाने पर 10 से 30 दिन का सूतक लगता है। यानी मंदिर या फिर शुभ कार्य से संबंधित आयोजनों में प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। पिंडदान से दोष दूर होता है। काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि सनातन शास्त्रों में गरुड़ पुराण, कूर्म पुराण, विष्णु धर्म सूत्र, याज्ञवल्क्य स्मृति, मनुस्मृति और काशीखंड में श्मशान में प्रवेश वर्जित होने से संबंधित कई उल्लेख मिलते हैं। मसाने की होली खेलने वालों पर सूतक का प्रभाव है।
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