सेंट्रल जेल के पास लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटर में शनिवार को हुए धमाके के बाद रविवार को कन्नौज की फॉरेंसिक टीम, लखनऊ के बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड टीम ने गहन जांच पड़ताल की है। फॉरेंसिक टीम को घटना स्थल से सुतली का अधजला गुच्छा मिला है। इससे आशंका जताई जा रही है कि धमका विस्फोटक पदार्थ (बारूद) से हुआ है। वहीं, मीथेन गैस से विस्फोट की कहानी पर भी संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल कोई कुछ नहीं बोल रहा है। दिन भर अफसरों की आवाजाही रही। घटनास्थल पर पुलिस का 24 घंटे पहरा है।
फर्रुखाबाद के कादरीगेट थाने के सातनपुर मंडी और सेंट्रल जेल चौराहे मार्ग पर कोचिंग सेंटर में शनिवार को दोपहर तीन बजे हुए धमाके में दो छात्रों की मौत और सात के घायल होने की घटना को गंभीरता से लिया गया है। प्रदेश सरकार इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है। रविवार की सुबह लखनऊ से बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड पहुंचा। टीमों ने घटनास्थल पर सबूत जुटाए। टीम के साथ आया जासूसी कुत्ता घटनास्थल के आसपास ही बना रहा। करीब डेढ़ घंटे तक टीम के सदस्यों ने विस्फोट स्थल से लेकर पूरे भवन की बारीकी से जांच पड़ताल की।
इसके बाद कन्नौज की फॉरेंसिक टीम के प्रभारी डॉ. प्रवीन कुमार श्रीवास्तव अधीनस्थों के साथ पहुंचे। उन्होंने गहनता से जांच की तो सुतली का बड़ा अधजला गुच्छा मिला। उसे देखकर लगभग साफ हो गया कि विस्फोट सीवरेज टैंक की मीथेन गैस से नहीं, बल्कि विस्फोटक सामग्री से हुआ है। टीम ने शीशे से टुकड़ों, पत्थर के हिस्सों के भी नमूने लिए। इस दौरान एएसपी डॉ. संजय कुमार सिंह, सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
फॉरेंसिक टीम में शामिल प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. प्रवीन कुमार श्रीवास्तव को अफसरों ने कानपुर से विभागीय वाहन से बुलवाया था। चालक राजेश कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी। वह सुबह सात बजे के करीब कानपुर से चले और तिर्वा से कुछ सदस्यों को लेकर 11 बजे के करीब मौके पर पहुंचे।